क्या अन्ना जी आप चल पड़े उसी रह पर ...सरकार ने आप को २ सितम्बर तक का टाइम दिया था ...आप बहार आये और अपना भ्रष्टाचारी रूप दिखा दिया .....धोका दिया है आप ने ये कह के आम जनता को की अब हम तब तक यहाँ से नहीं उठेंगे जब तक की जन लोकपाल लागू नहीं किया जाता .....मै जन लोकपाल के खिलाफ नहीं हो मै आप के खिलाफ हूँ यह कैसा छल का सत्याग्रह या अनशन है मुझे जवाब देगा कोई ...आम जनता भले ही भारत की भेड़ चाल चलने वाली हो..पर इतिहास गवाह है यहाँ की जनता को अगर छाला गया है तो इसका परिणाम बहुत ख़राब आये है आप अंग्रेजों का हाल देख चुके है ..........गाँधी बनना चाहते है तो उनके आदर्शो को फिर से पढ़े अन्ना जी .........