लीजिए एक नया मंच तैयार हो रह है जो देश की गरीब जनता को टोपी पहनायेगा , कल तक यही लोग देश की असहाय जनता के दुःख दर्द का साथी बनने का एलान कर रहे थे आज उसे ही छलने निकल पड़े है , देश की ज़रुरत के लिए कहते उन्हें पार्टी बनानी पड़ रही है । सही कहा था मेरे कैमरे ने की जब सविधान सभा के बाद आज तक किसी सभा ने बिना किसी घोटाले के काम नही किया तो ये भ्रष्टाचार के दादा लोग क्या करेंगे जो इसे ख़त्म करने की बात करते हैं । जब जनाब केजरीवाल साहब ने साल भर में तीन टोपियाँ बदल डाली तो यदि उन्हें देश की बागडोर दे दी हमारी भेड़ सरीखी जनता ने तो वो उसे 5 साल में कितनी टोपियाँ पहन्येंगे .... अभी भी वक़्त है भेड़ की खाल में छुपे भेडिये को पहचानिए ..............
Friday, October 26, 2012
Saturday, October 20, 2012
हम भस्मासुर
आप सभी को नवरात्री की हार्दिक बधाई पर आज जो मैंने देखा उससे मेरा मन विचलित हो गया , सुबह के अख़बार पर नज़र पड़ने के बाद कुछ अच्छा नहीं लग रहा है , एक तरफ नवरात्र में लोग माँ दुर्गा के शीश नवा रहे है वही दुसरे माँ दुर्गा के रूप नारी को दहेज़ की बलिवेदी पर चढ़ा रहे है और उन्हें इस की ज़रा भी शर्म नहीं है ...चरों तरफ जहाँ महिला सुरक्षा की बात की जा रही है माँ दुर्गा की आरती चल रही है उस देश में महिलाओं का यह हाल है , अब तो हद ही हो गयी है ।
लोग बेटियों को पढ़ना नहीं चाहते पर माँ दुर्गा से आशीर्वाद की उम्मीद है , माँ के गर्भ में ही लड़की की हत्या करने का घिनौना पाप कर रहे है पर माँ दुर्गा से संतान प्राप्ति के इच्छुक है । क्या यह सही है ,जिस माँ की हम पूजा करते है क्या वो स्त्री नहीं है फिर बेटियों से यह सौतेला व्यहवार क्यों अभी भी वक़्त है वरना वह दिन दूर नहीं जब हम भस्मासुर की तरह स्वयं का नाश कर लेंगे ।
इस नवरात्री संकल्प करे की हम स्त्री जाती को सामान दर्जा देंगे ...
Subscribe to:
Posts (Atom)