आ गया है आश्वासनों का दौर ......
चारो तरफ़ नेताओं की भाग दौड आरम्भ हो चुकी है । सब अपने लिए वोट देने की अपीलें कर रहे है । हमारी भोली भली जनता इनके झूठे और लछेदार आश्वासनों में फसती नज़र आ रही है । यह बात कोई नई नही है .सब जानते है की ये नेताओं की पुरानी आदत है फ़िर भी उनकी बातो को मानकर उनके पीछे पीछे भागते है ।
नेता हर जगह अपने उद्बोधन में वही पुरानी बाते ही दोहराते है जैसे -इस बार अगर हम चुनाव में जीते तो बिजली के संकट से निजात दिलाएंगे ,हम सड़के हेमामालिनी के गाल जैसी बनवा देंगे ,पानी के समुचित व्यवस्था करेंगे ,गरीबों को काम देंगे ,बेरोजगारों को नौकरी दिलवाएंगे आदि-आदि ......
अगेर ये आश्वासन पुरे किए जाते तो आज हमारे देश में बेरोजगारों की इतनी लम्बी फौज न खड़ी होती .बाम्बे जैसी महानगरी में पानी की किल्लत न होती ,दुद्धी-लुम्बनी मार्ग में प्रीती जिंटा के गाल में पड़ने वाले दिएम्पल्स की तरह निशान न होता ,बनारस जैसे शहर में चौदह घंटे बिजली की कटौती न होती ...
तो फ़िर सोचिये क्या करना है अबकी बार ........क्या फ़िर इसी तरह उनके झूठे आश्वासनों का शिकार बनना है
सोच समझ के वोट करे .....क्योंकि यह देश आप का भी है
और वोट ज़रूर दे ..........ये आप का जन्मसिद्ध अधिकार है ..........