आज जहाँ मीडिया को भारतीय सविधान में चौथे स्तम्भ की संज्ञा दी जाती है वही आज का मीडिया सिर्फ़ और सिर्फ़ खाना पूर्ति कर रहा है आज सभी मीडिया चैनलों की खबरे सिर्फ़ और सिर्फ़ पुलिसिया रिपोर्ट पर आधारित होती है कहाँ क्या हुआ इसके लिए पुलिसिया रिपोर्ट पर निर्भर होना क्या सही है ? दिल्ली में हुए बम ब्लास्ट में पकड़े गये लोगों को न्यूज़ चैनलों ने आतंकवादी बताया क्योंकि दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्ज शीट में ऐसा लिखा था वहीँ माले गाँव में हुए बम ब्लास्ट में पकड़े गये लोगों को केवल अपराधी बताया नाकि आतंकवादी क्यांकि उनके खेलाफे माले गाँव पुलिस ने यही चार्ज शीट दाखिल की थी ।
तो आप ही बताये क्या ये सही है
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