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Wednesday, July 21, 2010

"हिम्मते मर्दानी - मददे झाँसी की रानी"

अरे फैज़ कहा थे तुम कितना अच्छा नाटक आ रहा था झाँसी की रानी ......."खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी "...जनता है कैमरे इस नाटक का लड़कियों के मन पर बहुत गहरा और अच्छा असर देखने को मिला है तभी ये नाटक इतने कम समय में लोकप्रिय हो गया है । आज लड़कियां रानी लक्ष्मी बाई की तरह देश के कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहती है खासकर फ़ौज में भर्तीहोने के लड़कियों के जज्बे में एका एक बढ़ोत्तरी हुई है। सब घरों में लोग लड़कियों को झाँसी की रानी के किस्से सुना रहे है .......

पहले एक कहावत हुआ करती थी "हिम्मते मर्दा - तो मददे खुदा " मेरी एक दोस्त रेनू ने तो एक नई कहावत रच डाली है ये सीरियल देख कर "हिम्मते मर्दानी - मददे झाँसी की रानी " क्यों अच्छीहै न , हाँ हाँ बहुत अच्छी है और सही भी है , उस लक्ष्मी बाई ने हमें फिरंगियों के अत्याचार से बचाया था और आज की अनगिनत लक्ष्मी बाई हमें यहाँ बैठे धूर्तों से बचाएंगीजो आज हर छेत्र में विराजमान है ...............

1 comment:

Urmi said...

बहुत बढ़िया लिखा है आपने ! उम्दा प्रस्तुती!