आज की ताज़ा खबर हिंदी का खून हो गया ....
अरे फैज़ तुने कुछ सुना कल समाज के एक सभ्य वर्ग ने हिंदी का गला घोंट कर मार डाला हजारों की भीड़ ने इस हादसे को देखा पर किसी न कुछ भी कहना उचित नहीं समझा अलबत वो तालियाँ बजा रहे थे उक्त घटना के दौरान मै तो सहमा से एक कोने में बैठा रह गया । कुछ कह भी नहीं पाया वहां .........वहां हर तरफ हिंदी के प्रकांड विद्वान भी बैठे थे पर माता अंग्रेजी के आगे उनकी बोलती बंद थी
जी हाँ मेरा कैमरा सत्य कह रहा है आज हर तरफ रोज़ हिंदी का खून हो रहा है पर कोई इस और ध्यान नहीं दे रहा है । आप मेरी इस बात पर अजीब सा मुह बनाएँगे और कहेंगे फैज़ साहब आप का दिमाग तो ठीक है आज कल अंग्रेजी का युग है कहाँ आप हिंदी की बात कर रहे है , मै पूछता हूँ ऐसा कब तक चलता रहेगा जब कोई व्यक्ति या छात्र कहीं नौकरी के लिए जाता है तो उससे यह पूछा जाता है की आप की अंग्रेजी कितनी अच्छी है आती है या नहीं , क्यों कोई हिंदी के लिए ऐसे प्रश्न नहीं पूछता ? आखिर हिंदी से यह सौतेला व्यहवार कब तक करता रहेगा हमारा प्यारा सभ्य समाज , अभी भी वक़्त है संभल जाइये वरना कुछ नहीं हो सकता इस देश का खैर मेरा कैमरा तो ऐसे ही बोलता रहता है पर आप ज़रूर बोलिए .. हिन्दी के लिए बोलिए .....
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