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Thursday, August 20, 2009

"आस्थ का सिक्योरिटी चेक"


आप सोचेंगे मैंने इस पोस्ट का नाम ये क्यों दिया ,तो सुनिए मुद्दा शिर्डी के साईं बाबा से जुडा हुआ । काफी दिनों से चल रहे वीवाद का आज निस्तारद तो हो गया मगर एक नया मुद्दा ये है की यदि बाबा की चाँदीकी चरण पादुका अमेरिका ले जाई गई तो क्या उसे बिना सिक्योरिटी चेक के वहां जाने दिया जाएगा । .....सभी इस बात से वाकिफ है की शिर्डी के साईं बाबा के भक्त इस बात को कत्तई बर्दाश्त नही करेंगे क्योंकि शिर्डी के साईं बाबा में सभी धर्म के लोगों की आस्था है । भारत जैसे धर्म प्रधान देश में आस्थ से खिलवाड़ महंगा पड़ सकता है । कल को कोई भक्त ये कह सकता है की देश में स्वैन फ्लू इसी वजहा से फैला यानी आस्था के कंधो पर पैर रखकर अंधविश्वास उंचा हो जाएगा । ...........


क्या कोई भी व्यक्ति इस बात की गारंटी ले सकता है की उनकी चरण पादुका को सिक्योरिटी चेक से नही गुज़रना होगा । .....यह तो हम सोच भी नही सकते क्यों ...क्योंकि जब हमारे ही देश में विदेशी कंपनियाँ हमरे पूर्व राष्ट्रपति को चेक कर सकती है तो फिर वो तो .........

फिर जो अभी हाल ही में शारूख खान के साथ हुआ ,अमेरिका में उसका तो क्या कहना । मै तो प्रबुध्जानो को यही राय देना चाहूँगा की कुछ भी करे लेकिन आस्थ को चोट पहुंचाए बिना । वरना यह छोटा सा मुद्दा बहुत विकराल रूप अपना कर सकता है ........

4 comments:

श्रीमती अमर भारती said...

सुझाव सही है।
सुन्दर आलेख के लिए बधाई।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सन्देश देते इस लेख के लिए मुबारकवाद।

Urmi said...

बहुत ही सुंदर रूप से सही संदेश देते हुए आपने सही बात का आलेख किया है! बहुत अच्छा लगा पढ़कर! अब तो चारों तरफ़ swine फ्लू की वजह से हर जगह पर जोर शोर से जांच की जा रही है!

PUSHPENDU said...

ye shirdi ke sai baba ki wajah se suraksha jaanch kyu nahi hogi mujhe ye baat samajh mein nahi aati...
unki paaduka ho yaa taaj...hai to insaan ki banaai fitoor hi naa? varna aaj ke 10 saal pehle ye so-called god sai baba kahaan they..? Hindusthan ek tolerant nation hai..sabhi logon ki be sir pair ki logic ko aastha ka jaama pahna diya jaata hai aur fir jara si practically demande step liya nahi iss 'aastha' ko bahut jaldi chot pahuch jaati hai..religion aur copyright gods ke liye iss nation ne bahut bakwaas sun aur sah lee..ab aur nahi hoga...sirf vikaas chahiye..wo bhi bina caste, creed, andh-vishwaas ke..tabhi hum apne desh ke prati world ki 'AASTHA' jeet payenge..