आज मेरा कैमरा सुबह से एक कविता दोहरा रहा है कह रहा है आज दोस्ती का पर्व है । हाँ आज १ अगस्त है यानि फ्रेंडशिप डे ....वो कविता जो मेरा कैमरा दोहरा रहा था मुझे नहीं मालूम किसने लिखी है पर है बहुत अछि मैचाहता हो की आप सब भी इसे पड़े अछि लगे तो बताइयेगा ज़रूर ............
दर्द में कुछ कमी-सी लगती है
जिन्दगीअजनबी-सी लगती है
एतबारे वफ़ा अरे तौबा दुश्मनी दोस्ती-सी लगती है
मेरी दीवानगी कोई देखे धुप भी चांदनी-सी लगती है
सोंचता हूँ की मैं किधर जाऊँ हर तरफ रौशनी-सी लगती
है आज की जिन्दगी अरे तौबा मीर की शायरी सी लगती है
शाम-ऐ-हस्ती की लौ बहुत कम है ये सहरआखरी-सी लगती है
जाने क्या बात हो गयी यारों हर नजर अजनबी-सी लगती है
दोस्ती अजनबी-सी लगती है....... ।
आप सभी को दोस्ती के इस पर्व की ढेरों बधाइयाँ मेरे और मेरे कैमरे की तरफ से .........
4 comments:
बहुत सुन्दर रचना
मित्र दिवस की शुभकामनाये ....
बहुत सुन्दर लिखा है आपने ! उम्दा प्रस्तुती!
मित्रता दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएँ!
FRIENDS are like stars.....
you do not ALWAYS SEE
them but you know they are
always there...
bahut hi sundar...
Meri Nayi Kavita par aapke Comments ka intzar rahega.....
A Silent Silence : Naani ki sunaai wo kahani..
Banned Area News : Now, use Botox to zap that horrendous migraine
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