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Sunday, March 6, 2011

"अन्धविश्वास का नाश्ता "

बोलो पनिहयेवा बाबा की जय .....जय ....जय .....
बच्चो आप की परीक्छा के दिन करीब है। इसलिए आज हम आप सभी को एक ऐसे मन्त्र बारे में बताएँगेजिससे कोई भी चीज़ कंटस्थ करने के बाद आप नहीं भूलंगेइस मन्त्र को जप करने से पहले ठन्डे जल से सूर्य कीऔर मुह करके स्नान करे।

आप सोच रहे होंगे मै एक तो इतने दिन बाद लौट के आया और आते ही बहकी बहकी बात करने लगा तो बताताचलू की मेरे कैमरे की तबियत ख़राब थी वो अस्पताल में था पिछले महीनो से आज ही घर लौटा हैसुबह उसनेएक प्रथिष्ठित हिंदी दैनिक समाचार पत्र पढ़ते हुए यह मुझे सुनायामज़े की बात यह थी की उसमे एक कलम थाजिसमे लिखा था तंत्र-मन्त्र और उसमे यह समाचार था

अब बताइए अगर अन्धविश्वास इस तरह नाश्ते की टेबल पर परोसा जाएगा तो क्या होगा हमारी आने वालीशोर्ट-कट" पीढ़ी पर ,और सुनिए जब मैंने उसकी ऑनलाइन समाचार पत्र सेवा का जायजा लिया तो वहा भी यहीसमाचार मिलाहम या आप उनसे पुछेंगे की ये क्या है तो वो बोलेंगे जी ये तो विज्ञापन है हम कुछ नहीं करसकते

बताइए मुझे क्या होगा आने वाले समय में जब भारत विकसित देश होने का सपना देख रहा है, तो प्रजातंत्र का येमहत्वपुर्ण स्तम्भ हमरे देश के भविष्य को तंत्र-मन्त्र और अंधविश्वास का पाठ पढ़ा रहा है

सोचिये और मुझे बताइए क्या ये सही है जो हो रहा है .........क्या होगा हमारी उस मुहीम का जिससे हम देश कोविकसित करने का सपना देख रहे है .............
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