यार फैज़ एक कम कर अपनी गाड़ी पर एक लाल बत्ती और हूटर लगा ले ....मै तो अवाक् रह गया उसके इस बचकाना हरकत से ...अरे कैमरे भंग खाई है क्या तुने ...जनता है न लाल बत्ती कौन लगा सकता है अपनी गाड़ी पर ...अरे जनता हों पर कल बहराइच में क्या हुआ तुने देखा था न ...आप को बता दो कल मै बहराइचके दौरे पर था मेरा कैमरा हमेशा की तरह मेरे कंधे पर चढ़ा बैठा था ...तभी सामने से एक लाल बत्ती लगी गाड़ी आती हुई दिखी ....आगे लिखा था संसद प्रतिनिधि ...मेरा कैमरा लपक के आगे आ गया और लगा फोटो खीचने तभी उसमे से एक महिला बहार आई और और सभी का अभी वादन करने लगी ....मैंने आस पास के लोगों से जानकारी की तो पता चला की ये संसद जी की पत्नी है और चुनाव प्रचार पर निकली है ..........
बस तभी से इसका दिमाग ख़राब है ...और वहां के परिवहन अधिकारी बड़ी बड़ी बात कर रहे थे की यह गलत है और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी पर ऐसा कुछ नहीं होगा ....जब माननीयों को यह सोविधा है की वो सविधान का हनन अपनी मर्ज़ी से करते रहे तो गरीब तबके और मिडिल क्लास फैमली को क्यों सविधान के दायरे में रहना पड़ता ही। क्या सिर्फ नियम कानून गरीबों के लिए ही ही ...या फिर सविधान में यह ही की कोई भी व्यक्ति लाला बत्ती लगी गाड़ी से घूम सकता ही और घूम ही नहीं चुनाव प्रचार कर सकता ही ........सोचिये और बताइए आखिर ऐसा कब तक होता रहेगा हमारा हनन ..............
No comments:
Post a Comment