उफ़ कैसा मंज़र था लखनऊ के उस इंजीनियरिंग कॉलेज का चारों तरफ़ भय का माहोल था सभी लड़कियां पूनम की मौत के बाद सहमी हुई थी । कोई भी कुछ बताने को तैयार नही था । जैसे लड़कियों को कॉलेज प्रशासन ने ने कुछ भी बताने को मना किया हो ......ये सब हुआ रेगींग के चलते जिसके लिए सविधान में एक भरी भरकम क़ानून बनाया गया है । लेकिन वो बड़े घर के लड़कों के लिए नही है .....आप सोच रहे होंगे क्यों तो सुनिए जो लड़के अभी रेगींग के मामले में पकड़े गए थे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में उन्हें छोड़ दिया गया । क्यों जानते है ,उनके वकीलों की दलील पर एक नज़र डालिए ...."ये सभी छात्र सभ्य घर के है तथा जेल में रहने से उनके साफ सुथरे मन पर भारी असर होगा " और कोर्ट ने सभी को ज़मानत दे दी । अब कौन समझाए इन्हे की अगर इनके व्यवहार पर जेल में रहने से असर पड़ेगा तो फिर बाहर रहते हुए भी वो कहाँ कोई अच्छा काम कर रहे है । .....
अब आप ही बताइए क्या ये ठीक है कल को वकील साहब का लड़का या लड़की रेगींग का शीकर होंगे तो वो क्या दलील देंगे ....कल जो कुछ भी हुआ उसके लिए हम आप भी ज़ीम्मेदार है। क्या ये हमारा कर्तव्य नही है सोचिये.....
3 comments:
रैंगिंग एक अपराध है।
कानून बनाकर इस पर रोक लगानी चाहिए।
बढ़िया लेख,
गागर में सागर।
बधाई!
बहुत बढ़िया लिखा है आपने! सही मुद्दे को लेकर बड़े ही सुंदर रूप से प्रस्तुत किया है! रेगिंग तो कानूनन जुर्म है फिर भी कॉलेज में रेगिंग होता है और जो अमीर लड़के पढने आते हैं उन्हें कोई सज़ा नहीं मिलती क्यूंकि उनके बाप के पास पैसा होता है इसलिए वो आज़ादी से घूमते हैं ! बहुत जल्द इस रेगिंग को बंद कर देना चाहिए ताकि लड़कियां कॉलेज में सुरक्षित महसूस करें!
gazab ke hai ye vakil sahab, aur gazab ki thi unki court jisne un ldko ko jamanant dekar apne hi muh par tamacha maar liya
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