INDIA Blogger

Monday, July 27, 2009

"जय हो"


कल मै बहुत आहत था , मैंने ये कभी नही सोचा था की हमारे देश में हमारे शहीदों के साथ ये होगा । आप सोचेंगे आख़िर हुआ क्या तो सुनिए ॥कल मै जब सुबह टी। वी देख रहा था तभी मेरे घर के बगल के एक बच्ची ने मुझसे एक सवाल पूछा की अंकल ये कारगिल क्या है सुबह से दिखा रहे है टी.वी पर .........तभी से मै अपने आप को कोस रहा हूँ की क्या होगया है हमारे देश के रखवालों को , कैसी हो गई है हमारी शिछा की हम १० साल पुरानी घटना को अपनी आने वाली पीढी की दिमाग में नही डाल पा रहे है । ...समाज के वो लोग कहाँ मर रहे जो समाज उत्थान का बीडा उठाये हुए है । इनको भी आज का दिन भी बस एक पार्टी सम्मेलन की तरह दिखाई देता है बस लंबा लेक्चर दिया , और वही रता रटाया शेर पढ़ दिया की ....शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले ,वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशा होगा । लेकिन उन्हूने सोच है की कल को आने वाली पीढी को क्या बताएँगे .....,..क्यों आज तक किसी कारगिल शहीद की वीरगाथा किसी माद्यमिक बोर्ड की किताब में नही छापी क्या इसके पीछे हमारा सिस्टम दोषी नही है । .......क्यों फिर ये कहा जाता है की शहीदों के परिजन बेवजह हो-हल्ला मचाते है । जब आप उनके उस बेटे को सिर्फ़ एक दिन याद करेंगे जिसने आप की जिंदगी के कितने साल बचाए तो उनका मन आहत नही होगा । ....सभी राज्य सरकारों को चाहिए की वो अपने यहाँ क्लास १ से अपने राज्य के अभी तक के सभी शहीदों की वीरगाथा उनकी जीवनी के साथ छापे और चलाये । तब जाकर उन शहीदों को सही श्राधांजलि मिलेगी ।


क्या हम भी उनके लिए कुछ कर सकते है ? यदि हाँ तो आइये आज एक संकल्प करते है की हम उन देश के जवानो की वीरता के किस्से इस तरह से आम करेंगे की बच्चा बच्चा उनकी वीरता का गुडगान करेगा .............

3 comments:

डॉ. मनोज मिश्र said...

sahee kh rhe hain.

Urmi said...

इस बेहतरीन पोस्ट के लिए बधाई!

Anonymous said...

इस टिप्पणी के माध्यम से, सहर्ष यह सूचना दी जा रही है कि आपके ब्लॉग को प्रिंट मीडिया में स्थान दिया गया है।

अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक पर जा सकते हैं।

बधाई।

बी एस पाबला