Tuesday, October 25, 2011
" प्रकाश उत्सव दीपावली पर भारत माँ को न भूले "
आप सभी को प्रकाश के पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए ...आप सभी को इस प्रकाश पर्व पर माँ लक्ष्मी अपने आशीर्वाद से नवाज़े आप के घर खुशियाँ ही खुशियाँ आये ....पर इन खुशियों में भारत माँ के पीड़ा को भी समझे पटाखों से होने वाले प्रदूषण से बचे ...कम से कम पटाखों से दीपावली बनाए क्योंकि ये प्रकाश का पर्व है अंधकार का नहीं कितने ही लोग इस बारूद की गंध से स्नोफिलिया और साँस सम्बन्धी बिमारियों का शिकार होते है .....और तो और कितने ही लोग सावधानी न बरतने की वजह से पटाखों की चपेट में आजाते है और उनकी खुशियाँ अंधेरो में खो जाती है ....आप सभी से गुज़ारिश है की पटाखों को कम से कम तथा सावधानी से इस्तेमाल कर प्रदुषण और दुर्घटना दोनों से बचे ..क्योंकि यह प्रकाश उत्सव है नाकि अंधकार उत्सव ....एक बार फिर आप सभी को मेरी और मेरे कैमरे की तरफ से हैप्पी दीपावली .......
Friday, October 14, 2011
प्रशांत भूषण का है कश्मीर क्या ???
अरे कैमरे कहाँ से तुझे ये मिल गया तू गया था क्या जहाँ प्रशांत भूषण ने कश्मीर की आग में पेट्रोल डालने का प्रयास किया था ....हाँ फैज़ गया था ले देख ले और दिखा दे सबको की क्या कहा था अन्ना के इस सिपाही ने .....देश की अखंडता को तोड़ने का पूरा प्रयास किया था इसने .............
अन्ना हजारे जी ने तो पल्ला झड लिया प्रशांत भूषण से पर सोचिये आप सब की जब अन्ना के बगल में बैठा व्यक्ति ये सोच सकता है तो बाकि लोग इनकी रह पर क्या सोचेंगे ..स्थिति बड़ी ही विकटहै ...अब चिंतन का वक़्त है की कौन हमें छलने की कोशिश कर रहा है ...कही ये भगवान के वेश में शैतान तो नहीं ????
Saturday, October 8, 2011
" लाठी और गाली के बीच भरत मिलाप "
कल हमारे यहाँ का एतिहासिक 100वां भरतमिलाप था और मै भी पत्रकारिता से दूर होकर एक आम आदमी की तरह उमड़े जनसैलाब में शामिल हो गया ! लोग धक्का मुक्की करते रहे तभी वहां पुलिस की गाडी आ धमकी ! पुलिस के जवान रोड को खाली करने लगे रोड पर मै भी खड़ा था कोतवाल साहब ने तो पहचान लिया जो मेरी इज्जत कुछ देर तक बची रही उन्होंने मेरा हालचाल पूछा और चलते बने ! तभी राम रथ वहां पंहुचा और पुलिस के जवान रोड ख़ाली कराने के लिए लाठियाने लगे और दो चार गन्दी गालियाँ भी सुनने को मिली ! मुझे अपने ऊपर आश्चर्य हुआ की मैंने कैसे सब कुछ सह लिया पर क्या करूँ भगवन राम को देखने में मै बहुत मग्न था और पुलिस वालों के पास मुझे पहचानने का टाइम भी नहीं था ! इसी तरह लाठियों और गालियों का प्रयोग कर पुलिस प्रशासन ने मेले को संम्पन्न कराया !
देखा फैज़ आस्था पर गली और लाठी भरी पड़ती नज़र आई वहां ....सही है कैमरे पर क्या करेगे हम और वो सब तरफ " माया का डंडा" ऐसा चल रहा है की वर्दी धरी भी सन्किया गए है उन बेचारो को भी तो अपने कर्तव्य का निर्वाह करना है पर अच्छा है की भारत मिलाप सकुशल संपन्न हो गया ......और आस्था के सैलाब में व्यक्ति सब कुछ भूल कर भक्तिमय हो जाता है , चाहे वो पत्रकार हो या कोई हो ....महेश जी आप को बधाई इन गलियों और लाठियों से बचने की ........
Friday, October 7, 2011
भारतीय बुलंदी का "आकाश"
शाबाश हिन्दुस्तानियों तुमने तो कमल कर दिया आज हमें "आकाश" की बुलंदियों पर पंहुचा दिया अब हम भी गर्व से कहेंगे की हमने वो बनाया जो किसी ने बनाने का नहीं सोचा ..........
जी हाँ हम बात कर रहे है भारत के ही नहीं विश्व के सबसे सस्ते टैबलेट कंप्यूटर आकाश की जिस पर लिखा है मेड इन इंडिया ..यह एक ऐसी बात है जिसके लिए कुछ भी कहा जाये कम है ......आज मेरा कैमरा भी काफी खुश है की वो विदेश में बना है पर रहता यहाँ हिंदुस्तान में है ....उसी ने मुझे इस टैबलेट कंप्यूटर की खूबियों के बारे में बताया टैबलेट आकाश को भारत के शीर्ष आईटी कॉलेजों ने विकसित किया है और इसका निर्माण विदेशी कंपनी डाटाविंड ने ये बीड़ा उठाया , बाद में भी ये कम्प्यूटर भारत में ही एसेंबल किया जाएगा.इस टचस्क्रीन टैबलेट के फ़ीचर की बात करे तो इसमें २५६ मेगबाइट रैम है, दो जीबी का एसडी मेमरी कार्ड है, 32 गीगाबाइट की मेमरी विस्तार क्षमता है और दो यूएसबी पोर्ट हैं। यह गूगल के एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर काम करेगा । इसमें आप पेन ड्राइव,वेबकैम, डोंगल लगा सकते हैं और वाईफ़ाई कनेक्टिविटी का विकल्प भी है।
ये भारतीय छात्रों के लिए ही तैयार किया गया है ताकि वो कम लगत में अच्छी पढाई पढ़ सके ,मानव संसाधन मंत्रालय अपने सस्ते टैबलेट को लाखों विद्यार्थियों को मुहैया करवाना चाहता है ताकि वे शैक्षणिक सामग्री डाउनलोड कर सकें और आईटी क्षेत्र से जुड़ सकें ।
अभी ये टैबलेट ट्रायल दौर में है। इसे कुछ छात्रों और ट्रेनरों में बाँटा गया है जो इसका इस्तेमाल करेंगे। 45 दिनों बाद इसके प्रदर्शन पर रिपोर्ट सौंपी जाएगी , उस अनुसार आकाश में बदलाव किया जाएगा ।
सरकार का लक्ष्य स्कूली बच्चों के लिए एक करोड़ टैबलेट उपलब्ध करवाना है ।
ज़ाहिर है आने वाले दिनों में सबकी निगाहें आकाश पर रहेंगी कि क्या ये वाकई ई-सशक्तिकरण में ऊँचाइयाँ छू पाएगा या नहीं ।
Wednesday, October 5, 2011
"सविधान का हनन "
यार फैज़ एक कम कर अपनी गाड़ी पर एक लाल बत्ती और हूटर लगा ले ....मै तो अवाक् रह गया उसके इस बचकाना हरकत से ...अरे कैमरे भंग खाई है क्या तुने ...जनता है न लाल बत्ती कौन लगा सकता है अपनी गाड़ी पर ...अरे जनता हों पर कल बहराइच में क्या हुआ तुने देखा था न ...आप को बता दो कल मै बहराइचके दौरे पर था मेरा कैमरा हमेशा की तरह मेरे कंधे पर चढ़ा बैठा था ...तभी सामने से एक लाल बत्ती लगी गाड़ी आती हुई दिखी ....आगे लिखा था संसद प्रतिनिधि ...मेरा कैमरा लपक के आगे आ गया और लगा फोटो खीचने तभी उसमे से एक महिला बहार आई और और सभी का अभी वादन करने लगी ....मैंने आस पास के लोगों से जानकारी की तो पता चला की ये संसद जी की पत्नी है और चुनाव प्रचार पर निकली है ..........
बस तभी से इसका दिमाग ख़राब है ...और वहां के परिवहन अधिकारी बड़ी बड़ी बात कर रहे थे की यह गलत है और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी पर ऐसा कुछ नहीं होगा ....जब माननीयों को यह सोविधा है की वो सविधान का हनन अपनी मर्ज़ी से करते रहे तो गरीब तबके और मिडिल क्लास फैमली को क्यों सविधान के दायरे में रहना पड़ता ही। क्या सिर्फ नियम कानून गरीबों के लिए ही ही ...या फिर सविधान में यह ही की कोई भी व्यक्ति लाला बत्ती लगी गाड़ी से घूम सकता ही और घूम ही नहीं चुनाव प्रचार कर सकता ही ........सोचिये और बताइए आखिर ऐसा कब तक होता रहेगा हमारा हनन ..............
Friday, August 19, 2011
धोका "अन्ना" का
Wednesday, April 27, 2011
"२६ जून की दुविधा "
बताइए न सर मै क्या करू किस की परीक्षा दू ...मै तो परेशां हो गया हो । सरकार कहती है की हर छात्र सभी प्रतियोगी परीक्षा को दे सकता है अगर वो उसके नियमो का पालन करता है तो पर ये कैसी परीक्षा प्रणाली है की एक ही दिन में ४-४ प्रतियोगी परीक्षा हो रही है । ........
ये उस छात्र की दुविधा है जिसने इस वर्ष UGC NET , SSC , CBSE TET और UPPCS की प्रतियोगी परीक्षा का आवेदन किया है अब वह क्या करे इनमे से कौन सी परीक्षा दे या छोड़े । सब एक ही दिन यानि २६ जून २०११ दिन रविवार को हो रही है । ....
भारत सरकार क्या कर रही है , क्या वो इस तरह छात्रो के भविष्य से खिलवाड़ तो नहीं कर रही । आखिर क्यों ऐसा हुआ क्या इन प्रतियोगी परीक्षाओ की समितियों मे कोई भ्रष्ट समझौता हुआ है क्या ? आखिर इस तरह छात्रो के भविष्य से क्यों खिलवाड़ हो रहा है .........
मुझे जवाब चाहिए ...??????
Saturday, April 9, 2011
"एक और भ्रष्टाचार की कमेटी "
क्या बात है फैज़ आज तुम बहुत खुश लग रहे हो कुछ खास वजह इसकी बोलो ? हाँ कैमरे आज भारतीय लोक की विजय हुई है , आन्ना हजारे जी जो की पिछले दिनों अनशन पर बैठे थे भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मांग भारत सरकार ने मन ली है, अब भरष्टाचार पर नकेल कसने के लिए एक कमिटी गठित की जाएगी जिसमे चुनिन्दा लोगों की एक समिति होगी जो भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएगी । अब देश में बढ़ता हुआ भ्रष्टाचार का ग्राफ ,घोटाले , रिश्वतखोरी ख़त्म हो जाएगी ,इसलिए मै बहुत खुश हो आज ।
वह वह फैज़ वह तू अपने आप को पत्रकार कह्ता है अरे कैसा पत्रकार है तू ज़रा दिमाग से सोच बाबा साहब की कमिटी के बाद कोई ऐसी कमिटी बनी है जिसने बिना रिश्वत के , बगैर किसी घोटाले के कम किया है यदि किया भी है तो ५ साल बाद उसके घोटाले का जिन्न बहार आया है तो इस कमिटी को हम पाक साफ कैसे कह सकते है ।
चुप हो जाओ तुम कैमरे ,ये क्या सोच रहे हो ,पर फैज़ ज़रा सोचो तो हर सिक्के के दो पहलू होते है । हाँ बात तो मेरे कैमरे की सोचने लायक है .....आप सब क्या कहते है क्या यही सत्य है या कुछ और ........
Thursday, March 24, 2011
कहाँ गयी गौरया
मेरे और माँ के बीच अभी बाते ही चल रही थी की वो चल बसी .... शायद किसी जानवर ने उसे चोट पहुचाई थी ।
चलिए ये तो एक दुर्घटना थी ', पर हम और आप इस नन्ही सी जान का अस्तित्व मिटने पर क्यों लगे है ,आप कहेंगे की ये तो सरा सर आरोप है हमारे उपर पर यह सच है हम इस नन्ही का आशियाना उजड़ने में लगे है , जाने अनजाने हमी इसके गुनहगार है ।
जगह जगह अट्टालिकाए ,मोबाइल टावर खड़े होते जा रहे है ये पंछी कहाँ रहेगा ? दादी-नानी की कहानियों में आने वाली यह चिड़िया अब खुद कहानी बनने के कगार पर खड़ी है । आज बनारस , लखनऊ , रायबरेली , इलहाबाद हर जगह इन्हें कम होते देखा जा सकता है अब ये कभी कभी ही नजर आती है । जो लोग कभी इस की आवाज़ सुन कर अपना "बिस्तर" छोड़ा करते थे , आज वो कारखानों के सायरन से उठा करते है , शायद वो मजबूर है , या फिर कुछ और ?.....
आखिर इन सब का ज़िम्मेदार कौन है सोचिये ..............?
Sunday, March 6, 2011
आह......!!! महिला दिवस
आज विश्व महिला दिवस है इसकी पूर्व संध्या पर दिल्ली मेंजो हुआ क्या वो हमारी संस्कृति और सभ्यता को शोभादेता है । हाँ पुरे देश से आए लोगों ने इस अजीबमानसिकता के खिलाफ एक प्रदर्शन किया । .....वो अजीबमानसिकता क्या है...लड़कियों को गर्भ में ही मौत की नींदसुला देना उसे ममता की मूरत अपनी माँ के हाथो में आनेसे पहले ही इस दुनिया के हनथो से छीन लेना। कहा का है ये इंसाफ क्या लड़कियां किसी से कम है ,आवाज़आएगी नहीं । रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘ग्लोबल वॉक फॉर इंडियाज़ मिसिंग गर्ल्स’ के बैनर तले कई लोग इक्कठा हुए । इन लोगों का मक़सद था कन्या भ्रूण हत्या के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करना । ...
जब १९९४ में भारत सरकार ने भ्रूण हत्या के ख़िलाफ़ ‘प्री नेटल डायगनॉस्टिक टेकनीक्स एक्ट’ यानि पीएनडीटी एक्ट बनाया लेकिन यह क़ानून भी सख्ती से लागू नहीं हो पाया है। यह कानून ७ अध्याय में भारतीय कानून कीकिताब में कही गम सा हो गया लगता है एक तरफ जहाँ हर जगह पैथोलोजियों के बहार यह स्लोगन लिखा होता हैकी ..गर्भ में भ्रूण का लिंग परिछाद करना कानूनन अपराध है वही उसके बाहर "दलाल" उन वहशी माँ-बाप से सौदातय करते अक्सर दिख जाते है जिन्हें अपनी लड़की से प्यार नहीं ......
क्या ल;अद्कियाँ किसी बात में लडको से कम है क्या ...मुझे तो लगता है की यह समाज अभी भी यही सोचता है।
सब बेवक़ूफ़ है क्यों करते है भारत को विकसित करने की बात इन्हें तो बस ऑफिस में बैठ के मज़ा लेना है इनकीटोपी उनके सर करना है ....समाज में क्या हो रहा है इनसे क्या मतलब .........
अफ़सोस होता है मुझे । चल कैमरे चल यहाँ से कही और चलते है ....
और आप सोचिये ...,........
"अन्धविश्वास का नाश्ता "
बच्चो आप की परीक्छा के दिन करीब है। इसलिए आज हम आप सभी को एक ऐसे मन्त्र क बारे में बताएँगेजिससे कोई भी चीज़ कंटस्थ करने के बाद आप नहीं भूलंगे । इस मन्त्र को जप करने से पहले ठन्डे जल से सूर्य कीऔर मुह करके स्नान करे।
आप सोच रहे होंगे मै एक तो इतने दिन बाद लौट के आया और आते ही बहकी बहकी बात करने लगा तो बताताचलू की मेरे कैमरे की तबियत ख़राब थी वो अस्पताल में था पिछले ४ महीनो से आज ही घर लौटा है ।सुबह उसनेएक प्रथिष्ठित हिंदी दैनिक समाचार पत्र पढ़ते हुए यह मुझे सुनाया । मज़े की बात यह थी की उसमे एक कलम थाजिसमे लिखा था तंत्र-मन्त्र और उसमे यह समाचार था ।
अब बताइए अगर अन्धविश्वास इस तरह नाश्ते की टेबल पर परोसा जाएगा तो क्या होगा हमारी आने वालीशोर्ट-कट" पीढ़ी पर ,और सुनिए जब मैंने उसकी ऑनलाइन समाचार पत्र सेवा का जायजा लिया तो वहा भी यहीसमाचार मिला । हम या आप उनसे पुछेंगे की ये क्या है तो वो बोलेंगे जी ये तो विज्ञापन है हम कुछ नहीं करसकते ।
बताइए मुझे क्या होगा आने वाले समय में जब भारत विकसित देश होने का सपना देख रहा है, तो प्रजातंत्र का येमहत्वपुर्ण स्तम्भ हमरे देश के भविष्य को तंत्र-मन्त्र और अंधविश्वास का पाठ पढ़ा रहा है ।
सोचिये और मुझे बताइए क्या ये सही है जो हो रहा है .........क्या होगा हमारी उस मुहीम का जिससे हम देश कोविकसित करने का सपना देख रहे है ............. "