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Saturday, August 25, 2012

"असलम के अब्बू मरे या बचे "

यार कैमरे लगता है मेरा असलम अपने अब्बू से मिलने दुबई  नहि जा पाएगा और उसकी यह दशा मुझसे नहीं देखि जाती । बेचारे ने कितने ही चक्कर लगाये है पासपोर्ट ऑफिस बनारस के पर वहां से एक ही जवाब आता है की जाओ किसी प्रशासनिक अधिकारी से यह फार्म भरवा के लाओ साथ में उसकी सार्विस पहचान पत्र की जीरोक्स भी ले के आना वरना तुम्हारा अर्जेंट पासपोर्ट नहीं बन पाएगा , अरे यार फैज़ अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो बेसहारा तो अपने अब्बू से मिलने नहीं जा पाएगा और वक़्त पर नहीं पहुंचा तो उसके अब्बू को कुछ भी हो सकता है , हाँ अब तो ऊपर  वाला ही कुछ कर सकता है .....

जी हाँ यह सच है जब से पासपोर्ट ऑफिस की प्राइवेट ब्रांच खुली है शहर में तब से यदि  आप को अर्जेंट  पासपोर्ट बनवाना है तो आप को किसी प्रशासनिक अधिकारी के सार्विस कार्ड का फोटो कॉपी भी मांगी जा रही है । जब पता लगाया गया तो पता चला की पहले  भी यह नियम था  पर इतनी सख्ती नहीं थी पर अब है । ऐसी सख्ती किस काम की कौन ऐसा प्रशासनिक अधिकारी है जो अपने सर्विस कार्ड की फोटो कॉपी देने को तैयार होगा .. उसे इससे कोई मतलब नहीं की "असलम के अब्बू मरे या बचे " 

आप सभी से निवेदन है इस व्यवस्था का कोई इलाज ढूंढें  वरना स्थिती  गंभीर हो जाएगी 

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