लीजिए एक नया मंच तैयार हो रह है जो देश की गरीब जनता को टोपी पहनायेगा , कल तक यही लोग देश की असहाय जनता के दुःख दर्द का साथी बनने का एलान कर रहे थे आज उसे ही छलने निकल पड़े है , देश की ज़रुरत के लिए कहते उन्हें पार्टी बनानी पड़ रही है । सही कहा था मेरे कैमरे ने की जब सविधान सभा के बाद आज तक किसी सभा ने बिना किसी घोटाले के काम नही किया तो ये भ्रष्टाचार के दादा लोग क्या करेंगे जो इसे ख़त्म करने की बात करते हैं । जब जनाब केजरीवाल साहब ने साल भर में तीन टोपियाँ बदल डाली तो यदि उन्हें देश की बागडोर दे दी हमारी भेड़ सरीखी जनता ने तो वो उसे 5 साल में कितनी टोपियाँ पहन्येंगे .... अभी भी वक़्त है भेड़ की खाल में छुपे भेडिये को पहचानिए .............. Friday, October 26, 2012
टोपी बाज़
लीजिए एक नया मंच तैयार हो रह है जो देश की गरीब जनता को टोपी पहनायेगा , कल तक यही लोग देश की असहाय जनता के दुःख दर्द का साथी बनने का एलान कर रहे थे आज उसे ही छलने निकल पड़े है , देश की ज़रुरत के लिए कहते उन्हें पार्टी बनानी पड़ रही है । सही कहा था मेरे कैमरे ने की जब सविधान सभा के बाद आज तक किसी सभा ने बिना किसी घोटाले के काम नही किया तो ये भ्रष्टाचार के दादा लोग क्या करेंगे जो इसे ख़त्म करने की बात करते हैं । जब जनाब केजरीवाल साहब ने साल भर में तीन टोपियाँ बदल डाली तो यदि उन्हें देश की बागडोर दे दी हमारी भेड़ सरीखी जनता ने तो वो उसे 5 साल में कितनी टोपियाँ पहन्येंगे .... अभी भी वक़्त है भेड़ की खाल में छुपे भेडिये को पहचानिए .............. Saturday, October 20, 2012
हम भस्मासुर
Saturday, September 8, 2012
शिक्षा दिवस या छुट्टी
आज शिक्षा दिवस है , चरों तरफ शिक्षा के प्रचार प्रसार की बातें हो रही है । इन्ही बैटन के बीच मै आज कुछ काम से अपने विश्वविद्यालय पहुंचा , वहां के प्रसिद्द हॉट स्पोट पर मैंने जो मंज़र देखा उसे देख विचलित हो गया जहाँ एक तरफ विश्वविद्यालय के छात्र वहां अपनी पढाई के बारे में बातें कर रहे थे वही चाय की एक दुकान पर एक 12 साल का लड़का उन छात्रों के बीच चाय पहुचाने में लगा हुआ था . किसी की नज़र उस के ऊपर नहीं गयी शायद या फिर किसी को यही याद नहीं था की आज शिक्षा दिवस है हाँ कुछ छात्र ये ज़रूर कह रहे थे आज तो विश्वविद्यालय में छुट्टी है । क्या यही सही है की हम शिक्षा दिवस को छुट्टी मनाए । राहुल जैसे बच्चे क्या ऐसे ही हमें चाय परोसते रहेंगे .....!!!!! आइये कुछ करें वरना वक़्त निकल जाएगा हमारे हाँथ से ......
Saturday, August 25, 2012
"असलम के अब्बू मरे या बचे "
Wednesday, August 22, 2012
"ज़ार-ज़ार रोई शहनाई"
Tuesday, August 14, 2012
15 अगस्त का दर्द
Friday, August 3, 2012
एक और राजनितिक पार्टी का निर्माण
Wednesday, March 7, 2012
होली मुबारक हो ! ! ! ! ! !

और आखिर में इस बनारसी की तरफ से आप सभी को भंग की ठंडी हवा और ठंडे की गरमी के साथ होली की बहुत बहुत शुभकामनाये ...होली है ! ! ! ! ! ! !
Saturday, January 14, 2012
Wednesday, January 11, 2012
कुशवाहा या "कुल खावा"
जैसे -जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे है दलबदलू की एक नयी जमात बनती जा रही है उसी की एक जीती
जागती तस्वीर है बाबु सिंह कुशवाहा जो जैसे ही भाजपा में आये उसके चुनावी मुद्दे को खाने लगे या यू
कहे की जब उन्हें बसपा ने निकला था तब वो साफ सुथरे नहीं थे पर जैसे ही भाजपा ने उन्हें अपने सर
माथे चढ़ाया सीबीआई ने अगले ही दिन शुरू कर दी जाँच ,अब आने लगा भाजपा के बड़े बड़े कमंडल
धारी तिलक बाबा लोगों को पसीना, अरे यह क्या हुआ ? अब तो सबका हाजमा ख़राब हो गया सभी
अपच के शिकार हो गए कोई कह रहा है की कांग्रेस की साजिश है कोई कह रहा है की ये प्रदेश की पार्टी
के लोगों की गलती है ,यहाँ तक की बड़ी बड़ी नेत्रियों ने कह दिया हमसे तो पूछा ही नहीं अब यह मुद्दा
हम कोर कमिटी की बैठक में उठाएँगे लीजिये फिर वही बच्चों वाली बात कर दी आपने अरे भाई आप
की पार्टियों की जो नीतिया था उसे तो कुशवाहा ताऊ खा गए .जैसे भ्रष्टाचारियों को टिकट नहीं देंगे साफ
सुथरी सरकार बनाएँगे आदि . ताऊ तो कुल खा गए अब का फायद उनके ऊपर इतना बखेड़ा खड़ा कर के
आप कोर कमिटी में जाएँगे ,जगह जगह पुतला जलाएँगे नारेबाजी करेंगे इससे मान किसका बढेगा
कुशवाहा ताऊ का और किसका तो चाचा भलाई इसमें ही है की अब जो हो रहा है होने दो वरना ताऊ तो
खा ही रहे है सब आप सब खुद भी खाने लगोगे .
