अब चुनाव खत्म होने वाला है । कितने ही महारथियों का भाग्य एल्क्ट्रोनिक वोटिंग मशीन में बंद हो चुका है । चुनाव आयोग काफी खुश है । हर जगह चुनाव बिना हिंसा के हो रहे है अगर पहले चरण को छोड़ दे तो कही कुछ भी नही हुआ । लकिन चुनाव आयोग का डंडा उन मासूमो पर भी पड़ा है ,जो इस महापर्व का बेसब्री से इंतज़ार करते hai । हाँ........... वो गरीब और बेसहारा है जो कभी खाली पेट सोते है या कभी पानी पी के उनके लिए ये चुनाव खुशियाँ लेकर आता था । लेकिन अब बैनर ,पोस्टर पर चुनाव आयोग ने अपना चाबुक चला दिया है जो सीधे उस गरीब के ऊपर चल रहा है । पर सरकार का क्या उसे कोई मरता है तो की क्या फर्क पड़ता है । उसकी रोटी जनता को झूठे वादे देकर पकती है ।
मुझे एक कहानी याद आरही है ..........एक -एक बिरजू उठा और अपनी पत्नी से बोला तो सो जाना मेरे आने का इंतज़ार मत करना । धनिया बोली "तो का जरूरत है जावे की " पर बिरजू की नज़र उसकी फटी साडी पर पद चुकी थी । आज बिरजू जब कम करने के बाद एक पार्टी कार्यालय पर पंहुचा तो वह आधिक से अधिक बैनर - पोस्टर अपने रिक्षे में भर लेना चाहता था । वह जगह जगह पोस्टर बैनर बांधता चल रहा था । आखरी बैनर बंधना बाकी था ....उसका पहला सिरा दीवार के कुंदे में बंधने के बाद दूसरा किनारा बंधने के लिए जैसे ही सड़क किनारे लगे ट्रांसफार्मर पर चढा एक भाम्म की आवाज़ आई और उसका लगभग जल चूका शरीर ज़मीन पर आकर गिरा । एक शोर हुआ और पार्टी प्रत्याशी अपने कार्यकर्ताओं के साथ वहा पहुच गए । किसी ने कहा मालिक ये तो मर गया वो बोला "अबे जल्दी से बैनर उतार किसी ने देख लिया तो मुद्दा बना देगा " जल्दी जल्दी बैनर उतरा गया । लाश को कही दूर फैंक दो कौन पूछेगा "लावारिस लाश" को .................
तो आप ही बताये ये सरकार का दोष है की उसने ये काम बंद कर दिया ..............................................
याफिर उन पार्टियों का जो इन्हें सिर्फ लाभ के लिए काम देते है वरना फिकवा देते है " लावारिस लाश "कही सुनसान में जहा किसे की नज़र न पड़े .......................
3 comments:
आपकी टिपण्णी के लिए शुक्रिया! पर मरने की बात कभी नहीं करनी चाहिए! दो पल की है ज़िन्दगी उसे हसी खुशी से गज़रनी चाहिए!
आपकी रचना काफी अच्छी है! बिल्कुल सही फ़रमाया आपने और सच्चाई बयान किया है! लिखते रहिये!
मेरे इन ब्लोगों पर आपका स्वागत है-
http://khanamasala.blogspot.com
http://urmi-z-unique.blogspot.com
फैज साहब, ब्लाग की दुनिया में आपका दिली स्वागत है।
SBAI TSALIIM
सही लिखा है ,बधाई .
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