आज जैसे जैसे दिन गुज़र रहा था सभी जगह पर जीत हार के कयास लगाये जा रहे थे ......सभी जगह चर्चा का बाज़ार गर्म था । सब एक दुसरे से ये कहने में पीछे नही हट रहे थे की हमारा प्रत्याशी ही जीतेगा । उसी समाये मेरा कैमरा भी बाहर से लौटा था काफी जल्दी बाजी में था ,मैंने उसे रोकना चाह तो वो हाथ झटक बहार की ओर चल दिया बोला तुझसे शाम को मिलता हूँ ......................
शाम को मैउसका इंतज़ार कर रहा था की तभी वो आ गया । मैंने कहा भैये आ मेरे पास भी कुछ पल बैठ .उसने बैठने के बाद एक लम्बी साँस भरी और बोला पूछो क्या बात है ,सुबह से जीना मुहाल कर दिया है तुमने , .......मैंने कहा यार तू तो सुबह से लोकतंत्र के मह्राथियों के छेत्रमें था क्या पता चला कौन जीत रहा है ।
शाम को मैउसका इंतज़ार कर रहा था की तभी वो आ गया । मैंने कहा भैये आ मेरे पास भी कुछ पल बैठ .उसने बैठने के बाद एक लम्बी साँस भरी और बोला पूछो क्या बात है ,सुबह से जीना मुहाल कर दिया है तुमने , .......मैंने कहा यार तू तो सुबह से लोकतंत्र के मह्राथियों के छेत्रमें था क्या पता चला कौन जीत रहा है ।
नही यार ऐसा कुछ भी नही पता चला, सब कह रहे है की हमारी पार्टी पूर्ण बहुमत से केन्द्र में सत्ता बनाएगी । हम एक बड़ी पार्टी के रूप में उभर के सामने आयेंगे ,हमें किसी दल के सहयोग की ज़रूरत नही है .............पर तू तो जान ही रह्जा है क्या चल रहा है यहाँ पर आज कल ,सभी पार्टियाँ गठबंधन की राह पर अग्र्र्सर है,सभी आपने सहयोगी दलों को मानाने में लगा हुआ है ,अब न कोई अपराधी है न कोई जालसाज,सब आपस में भाई भाई है । जो चुनाव से पहले एक दूसरे को गालियाँ देते थे आज वो गले में हाथ डाले गली गली टहल रहे है ,अब वो भाई है एक बड़ा तो दूसरा छोटा ,दोनों में कोई मन मुटाव नही है । .....कल तक यही नेता किसी और पार्टी के नेता को भाई कहता था और अब वो तो उसकी नज़र में कसा........से भी गए गुज़रे है । ..........
अब इन नेताओ को क्या कहा जाए जो सांप को भी शर्मिंदा करने पर तुले है ,वो साल भर में एक बार केचुली बदलता है और ये छे महीने में दो बार । फैज़ तुम्ही बताओ क्या होगा भारत का भविष्य ,अगर हमारा देश इन केचुले बदलने वाले सांपो के हाथो में रहा तो ये उन्नति नही करेगा बल्कि ये उसे फ़िर से गुलाम बना देंगे ।
खैर अब तो चिडिया खेत चुग चुकी है अब तो सिर्फ़ उसके नुक्सान का इंतज़ार करना है । कल फ़िर मिलेंगे अगले पाँच सालों के सांपो के साथ .................
5 comments:
aapne saty se janta ko awgat karaya hai .....
likhte rahiye .
netaon ki tulna saapon se karke kripya saapon ko sarminda na kare.badhiya likha hai
bhut achhi soch hai aap ki .....
likhte rhiye..............
bahut sundr .
soch se takdir nahi badlte
dil may hosla hona chahiye........
sunita
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