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Sunday, May 17, 2009

"आधुनिक मोसमी का रस"

आज सत्ता के गलियारों में काफी चहल पहल थी, सभी नेता एक दुसरे के दिल का हाल जानने में लगे थे ,सभी अपने समर्थकों से घिरे थे ,किसी के पास बात करने की फुर्सत नही थी । मेरा कैमरा भी कड़ी धुप में उन सांसदों का इंतज़ार कर रहा था जो दिल्ली एअरपोर्ट पर उतर रहे थे ,आख़िर उसे भी तो उनके फोटो खीचने थे तभी किसी ने उसे जोर का धक्का दिया और वह औंधे मुँह ज़मीन पर गिर गया किसी ने उसका हाँथ पकड़कर उठाया किन्तु अब वह अपनी जगह से काफी दूर था ,वहां से फोटो तो क्या वो उन्हें देख भी नही पा रहा था,वो गुस्सा हो गया और उसने पूछा की आख़िर कौन था जिसने मुझे टक्कर मारी, किसी ने बताया की वो किसी प्रत्याशी का समर्थक था । .....
अब वो मेरे पास बैठा था हमारे आफिस में जहाँ वो काफी गुस्से कम था मैंने आख़िर उससे पूछ ही लिय और उसने ये सब बातें बताई । इसमे एक ख़ास बात सामने आई की प्रत्याशी जीतने के बाद आपने समर्थकों को नही भूलते है । आप सोच रहे होंगे की मैंने ऐसा क्यों कहा ,तो सुनिए जिस समर्थक से टक्कर खाकर मेरा कैमरा गिरा था उसने शराब पी रखी थी । .............जब ये प्रत्याशी जीत जाते है तब इनके साथ ५०० नए नेता अगले पाच सालो के लिए जन्म ले लेते है, और ये इन सांसदों के पैसें पर ऐश करते है। इनके लिए जोश से भरी आधुनिक रस की पेटी खोल दी जाती है ,और ये उसमे पाच साल तक सराबोर होते रहते है । उन्हें क्या पता इसी वजह से आज तक कोई दलित या शोषित उनके सामने नही खड़ा हो सका है , उन्हें तो सिर्फ़ अपने दारू और मुर्गे की फ़िक्र है ,जो दिलवाएगा वही उनका माई-बाप है । सभी भइया की जी होजुरी करते है , और भैया के चमचे उनका फायदा उठाते है । .............

क्या भारत पूर्व राष्ट्रपति डॉ अब्दुल कलाम के सपनो को साकार कर पायेगा ,उनका विसन २०-२० कामयाब होगा ,जिसमे उन्हूने हर जाती-समुदाये को एक मंच पर लाने की बात कही है । मुझे तो ऐसा नही लगता क्योंकि आज भी भारत की आधी आबादी इस सोच सोच में है की हमारे बदलने और न बदलने से हमारे देश का क्या बिगडेगा या बनेगा । फिलहाल तो सभी सत्ता बनाने में लगे है.....जब बन जायेगी तो देखा जाएगा की भारत किस रह पर आगे बाद रहा है । इस समये तो खाने खिलने और पीने -पिलाने का दौर चल रहा है ...........

5 comments:

Udan Tashtari said...

अभी तो खुशियाँ मनाई जा रही हैं. आगे के लिए शुभकामनाऐं ही दे सकते हैं.

Urmi said...

आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया !
बहुत ही शानदार लिखा है आपने! अभी तो चारो तरफ़ खुशियों का लहर है!

Unknown said...

jab sarkar me jayenge to phir sochenge............

juli srivastava said...

mai ise liye rajniti se door rahti hon ,aap ki post kabile taarif hai likhte rahiye..........

jaagte raho said...

abhi khushiyan hai phir charon taraf cheekh pukar machi hogi tab dekhenge ,achhi post k liye badhai